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चचा साम के नाम मंटो के खत-6 / सआदत हसन मंटो
छठा खत
खत गुम हो गया !
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नन्हा राजकुमार / सैंतेक्जूपेरी
नन्हा राजकुमार एंटोनी दे संतएक्सुपेय बाल साहित्य; उपन्यास नन्हा राजकुमार एक मशहूर बाल नोविला या नावेल है | यह मूल रूप से फ्रेंच भाषा मैं लि...
चंद्रकांता / बाबू देवकीनन्दन खत्री / अध्याय-4
बयान - 1 वनकन्या को यकायक जमीन से निकल कर पैर पकड़ते देख वीरेंद्रसिंह एकदम घबरा उठे। देर तक सोचते रहे कि यह क्या मामला है, यहाँ वनकन्य...
चंद्रकांता / बाबू देवकीनन्दन खत्री ( Read Chandrakanta Novel by Babu Devakinandan Khatri Free)
Title: चंद्रकांता Author: बाबू देवकीनन्दन खत्री Subjects: उपन्या स 'चंद्रकांता' की ऐसी दीवानगी छाई कि हजारों-लाखों को ह...
चचा साम के नाम मंटो के खत-7 / सआदत हसन मंटो
सातवाँ खत चचाजान, आदाओ-तस्लीमात। माफ कीजिएगा, मैं इस वक्त अजीब उलझन में फँसा हुआ हूँ। मेरे पिछले खत की रसीद मुझे अभी तक नही...
पैसा सबकुछ कर सकता है / इतालो काल्विनो
एक बार एक बहुत रईस शहजादे ने राजा के महल के ठीक सामने उससे भी शानदार एक महल बनवाने का निश्चय किया। महल जब बनकर पूरा हो गया तो उसने सामने क...
रस कौ अंग / कबीर
कबीर हरि रस यौं पिया बाकी रही न थाकि। पाका कलस कुँभार का, बहुरि न चढ़हिं चाकि॥1॥ राम रसाइन प्रेम रस पीवत, अधिक रसाल। कबीर पीवण दुल...
मूर्ख सुमंत / लेव तालस्तोय
एक समय एक गांव में एक धनी किसान रहता था। उसके तीन पुत्र थे-विजय सिपाही, तारा वणिक, सुमंत मूर्ख। गूंगीबहरी मनोरमा नाम की एक कुंवारी कन्या भ...
चितावणी कौ अंग / कबीर
कबीर नौबति आपणी, दिन दस लेहु बजाइ। ए पुर पटन ए गली, बहुरि न देखै आइ॥1॥ जिनके नौबति बाजती, मैंगल बँधते बारि। एकै हरि के नाँव बिन, ग...
पुर्जा / ऑगस्ट स्ट्रिंडबर्ग
सामान की आखिरी खेप जा चुकी थी। किराएदार, क्रेपबैंड हैटवाला जवान आदमी, खाली कमरों में अंतिम बार पक्का करने के लिए घूमता है कि कहीं पीछे कुछ...
एनिमल फार्म / जॉर्ज ऑर्वेल / 3
3 उन्होंने सूखी घास काटने के लिए खूब जम कर मेहनत की। खून-पसीना एक कर दिया। लेकिन उनकी मेहनत रंग लाई। सूखी घास की फसल उनकी उम्मीदों से ...