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चचा साम के नाम मंटो के खत-6 / सआदत हसन मंटो
छठा खत
खत गुम हो गया !
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चतुर खरगोश और शेर / मित्रभेद-पंचतंत्र / पं. विष्णु शर्मा ( The Cunning Hare and the Lion )
किसी घने वन में एक बहुत बड़ा शेर रहता था। वह रोज शिकार पर निकलता और एक ही नहीं, दो नहीं कई-कई जानवरों का काम तमाम देता। जंगल के जानवर ड...
नन्हा राजकुमार / सैंतेक्जूपेरी
नन्हा राजकुमार एंटोनी दे संतएक्सुपेय बाल साहित्य; उपन्यास नन्हा राजकुमार एक मशहूर बाल नोविला या नावेल है | यह मूल रूप से फ्रेंच भाषा मैं लि...
एनिमल फार्म / जॉर्ज ऑर्वेल / 1
1 नर फार्म यानी ताल्लुकाबाड़े के मिस्टर जोंस ने रात के लिए मुर्गियों के दड़बों को ताला तो लगा दिया था, लेकिन वह इतना ज्यादा पिए हुए था...
एनिमल फार्म / जॉर्ज ऑर्वेल / 2
2 तीन रात बाद जनाब मेजर नींद में ही चल बसे। उनका शव फलोद्यान के आगे दफना दिया गया। मार्च का महीना शुरू हो चुका था। अगले तीन महीनों...
एनिमल फार्म / जॉर्ज ऑर्वेल / 3
3 उन्होंने सूखी घास काटने के लिए खूब जम कर मेहनत की। खून-पसीना एक कर दिया। लेकिन उनकी मेहनत रंग लाई। सूखी घास की फसल उनकी उम्मीदों से ...
सियार और ढोल / मित्रभेद-पंचतंत्र / पं. विष्णु शर्मा ( The Jackal and the Drum)
एक बार एक जंगल के निकट दो राजाओं के बीच घोर युद्ध हुआ। एक जीता दूसरा हारा। सेनाएं अपने नगरों को लौट गई। बस, सेना का एक ढोल पीछे रह गया। ...
एनिमल फार्म / जॉर्ज ऑर्वेल / 5
5 सर्दियों के नजदीक आने के साथ-साथ मौली और अधिक उत्पाती होती चली गई। वह रोज सुबह काम के लिए देर से पहुँचती। वह बहाना लगाती कि वह देर त...
एनिमल फार्म / जॉर्ज ऑर्वेल
क़िताब: एनिमल फार्म लेख़क: जॉर्ज ऑर्वेल अनुवाद: सूरज प्रका श जॉर्ज ऑरवेल का लघु उपन्यास बोलशेविक क्रांति की विफलता पर व्यंग्य है...
एनिमल फार्म / जॉर्ज ऑर्वेल / 4
4 गर्मियों के बीतते-बीतते बाड़े में हुई घटना का समाचार देश के आधे भाग तक फैल चुका था। हर दिन स्नोबॉल और नेपोलियन कबूतरों के झुंडो को उ...
बिरह कौ अंग / कबीर
रात्यूँ रूँनी बिरहनीं, ज्यूँ बंचौ कूँ कुंज। कबीर अंतर प्रजल्या, प्रगट्या बिरहा पुंज॥1॥ अबंर कुँजाँ कुरलियाँ, गरिज भरे सब ताल। जिनि...