गुरुसम
Books
Home
English
Notes
पंचतंत्र
कहानी
कविता
उपन्यास
Search Gurusum
हैरान कौ अंग / कबीर
पंडित सेती कहि रहे, कह्या न मानै कोइ।
ओ अगाध एका कहै, भारी अचिरज होइ॥1॥
बसे अपंडी पंड मैं, ता गति लषै न कोइ।
कहै कबीरा संत हौ, बड़ा अचम्भा मोहि॥2॥
Newer Post
Older Post
Home
Popular Posts
नन्हा राजकुमार / सैंतेक्जूपेरी
नन्हा राजकुमार एंटोनी दे संतएक्सुपेय बाल साहित्य; उपन्यास नन्हा राजकुमार एक मशहूर बाल नोविला या नावेल है | यह मूल रूप से फ्रेंच भाषा मैं लि...
एनिमल फार्म / जॉर्ज ऑर्वेल / 1
1 नर फार्म यानी ताल्लुकाबाड़े के मिस्टर जोंस ने रात के लिए मुर्गियों के दड़बों को ताला तो लगा दिया था, लेकिन वह इतना ज्यादा पिए हुए था...
चतुर खरगोश और शेर / मित्रभेद-पंचतंत्र / पं. विष्णु शर्मा ( The Cunning Hare and the Lion )
किसी घने वन में एक बहुत बड़ा शेर रहता था। वह रोज शिकार पर निकलता और एक ही नहीं, दो नहीं कई-कई जानवरों का काम तमाम देता। जंगल के जानवर ड...
एनिमल फार्म / जॉर्ज ऑर्वेल / 2
2 तीन रात बाद जनाब मेजर नींद में ही चल बसे। उनका शव फलोद्यान के आगे दफना दिया गया। मार्च का महीना शुरू हो चुका था। अगले तीन महीनों...
एनिमल फार्म / जॉर्ज ऑर्वेल / 3
3 उन्होंने सूखी घास काटने के लिए खूब जम कर मेहनत की। खून-पसीना एक कर दिया। लेकिन उनकी मेहनत रंग लाई। सूखी घास की फसल उनकी उम्मीदों से ...
एनिमल फार्म / जॉर्ज ऑर्वेल
क़िताब: एनिमल फार्म लेख़क: जॉर्ज ऑर्वेल अनुवाद: सूरज प्रका श जॉर्ज ऑरवेल का लघु उपन्यास बोलशेविक क्रांति की विफलता पर व्यंग्य है...
एनिमल फार्म / जॉर्ज ऑर्वेल / 4
4 गर्मियों के बीतते-बीतते बाड़े में हुई घटना का समाचार देश के आधे भाग तक फैल चुका था। हर दिन स्नोबॉल और नेपोलियन कबूतरों के झुंडो को उ...
एनिमल फार्म / जॉर्ज ऑर्वेल / 5
5 सर्दियों के नजदीक आने के साथ-साथ मौली और अधिक उत्पाती होती चली गई। वह रोज सुबह काम के लिए देर से पहुँचती। वह बहाना लगाती कि वह देर त...
चंद्रकांता / बाबू देवकीनन्दन खत्री ( Read Chandrakanta Novel by Babu Devakinandan Khatri Free)
Title: चंद्रकांता Author: बाबू देवकीनन्दन खत्री Subjects: उपन्या स 'चंद्रकांता' की ऐसी दीवानगी छाई कि हजारों-लाखों को ह...
चंद्रकांता / बाबू देवकीनन्दन खत्री / अध्याय-2
बयान - 1 इस आदमी को सभी ने देखा मगर हैरान थे कि यह कौन है, कैसे आया और क्या कह गया। तेजसिंह ने जोर से पुकार के कहा - ‘आप लोग चुप रहें,...