क़िताब: एनिमल फार्म
लेख़क: जॉर्ज ऑर्वेल
अनुवाद: सूरज प्रकाश
जॉर्ज ऑरवेल का लघु उपन्यास बोलशेविक क्रांति की विफलता पर व्यंग्य है | इसे 'फेयरी टेल' (परी कथा) कहा जा सकता है पर यह उस से कुछ ज़यादा है | प्रसिद्ध टाइम मैगजीन माडर्न लाइब्रेरी लिस्ट ऑफ बेस्ट 100 नॉवल्स में इसे 31 वां स्थान दिया । मेनर फार्म के जानवर अपने मालिक के खिलाफ बगावत कर देते हैं और शासन अपने हाथ में ले लेते हैं। सुअर जानवरों की सभा में सुशासन के कुछ नियम तय करते हैं। जैसे-सभी बराबर हैं| पंरतु बाद में ये सुअर दूसरे जानवरों का शोषण करने लगते हैं। और फिर नया नियम बनता है- सभी जानवर बराबर हैं किन्तु कुछ जानवर अन्य जानवरों से अधिक बराबर हैं|
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